पांच वरिष्ठ स्कूल संचालकों को किया सम्मानित 

मप्र अशासकीय शिक्षण परिषद का आयोजन
इंदौर। विपरित परिस्थितियों में भी अशासकीय स्कूलों के संचालक बेहतर काम कर रहे हैं, जो सराहनीय है.
जी स्कूलों के संचालकों के साहस के चलते ही शहर में बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं.
विद्यार्थियों को शिक्षण और संस्कार देने के साथ अनुशासन का पाठ भी स्कूल संचालक सिखा रहे हैं.
ये विचार आंचलिक अधिकारी, अपर कलेक्टर माशिमं वी.वी.एस. तोमर के हैं, जो उन्होंने म. प्र. अशासकीय शिक्षण परिषद द्वारा कला विद्या मंदिर, रामबाग में आयोजित वरिष्ठ स्कूल संचालक/संचालिकाओं के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए.
श्री जी.के. शर्मा (संयुक्त संचालक लोक शिक्षण) ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विद्यालय एक मंदिर है, जहां स्कूल संचालक बच्चों को जागृत करने का कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ कर रहे हैं. विशेष अतिथि अक्षय सिंह राठौर ने कहा कि स्कूल संचालक सेवा भाव से संस्थाएं चलाते हैं, न कि अर्थ कमाने के उद्देश्य से. अत: ऐसे संचालकों को सहयोग करना जरूरी है।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती चंदा सिसौदिया ने कहा कि स्कूल संचालक ऐसा काम करें कि उन्हें समाज याद रखे। वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती शांता सोनी ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व ही यह है कि वह विद्यार्थी के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को बाहर लाएं.
विशेष अतिथि देवेन सोनवाने (संभागीय अधिकारी माशिमं) ने कहा कि स्कूल संचालक अपना काम इमानदारी से करें. इस मौके पर अतिथियों ने सुरेश कानूनगो (श्रीराम विद्यालय), श्रीमती राजश्री चौंडके (विमल हा. से. स्कूल), पवन शर्मा (हंसदास हा.से. स्कूल), श्रीमती सुधा सिंह (जी.एस. पब्लिक स्कूल), शेखर खांडेकर (रेणुका बाल मंदिर) को शाल-श्रीफल, प्रतीक चिह्न और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.
स्वागत उद्बोधन संघ के अध्यक्ष सत्यनारायण सलवाडिया ने दिया. अतिथि परिचय प्रहलाद शर्मा ने दिया. अतिथियों को प्रतीक चिह्न  किशोर गुप्ता, मोहन सोनी और शरद निंबालकर ने प्रदान किए. संचालन राजेंद्र सोनी ने किया और आभार माना किशोर गुप्ता ने।

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